बरेली। ज्येष्ठ पूर्णिमा के पावन अवसर पर बरेली की रामगंगा नदी में हजारों श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाकर पुण्य अर्जित किया। यह पर्व हिंदू धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन गंगा स्नान करने से सभी पापों का नाश होता है और व्यक्ति को पुण्य की प्राप्ति होती है।
सुबह होते ही रामगंगा के विभिन्न घाटों पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। लोग तड़के ही अपने परिवारों के साथ घाटों पर पहुंचने लगे थे। बच्चों, बुजुर्गों और महिलाओं सहित सभी आयु वर्ग के लोगों ने गंगा में स्नान कर पूजा-अर्चना की। कई श्रद्धालुओं ने अपने बच्चों के मुंडन संस्कार भी इसी पावन अवसर पर कराए। इसके बाद उन्होंने भगवान के दर्शन कर दान-पुण्य किया।
घाटों पर भक्तों की सुविधा और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने पुख्ता इंतजाम किए थे। पुलिस बल, होमगार्ड और गोताखोरों की टीम तैनात की गई थी। जिला प्रशासन द्वारा साफ-सफाई, पेयजल, मोबाइल शौचालय और चिकित्सा सुविधाओं की भी व्यवस्था की गई थी। जगह-जगह पर नियंत्रण कक्ष और सहायता केंद्र स्थापित किए गए थे, जहां से लोगों को लगातार दिशा-निर्देश दिए जा रहे थे।
सामाजिक संगठनों और स्वयंसेवकों ने भी इस दिन महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने घाटों की साफ-सफाई, श्रद्धालुओं को जल सेवा और प्रसाद वितरण का कार्य किया। पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने प्लास्टिक के उपयोग पर प्रतिबंध लगाया था और लोगों से गंगा को स्वच्छ रखने की अपील की गई थी। बरेली के स्थानीय निवासी और श्रद्धालु हर साल इस पर्व पर यहां स्नान करने आते हैं। उनका कहना है कि यह दिन उन्हें आत्मिक शांति और सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करता है।
