57वां उर्स-ए-शराफ़ती: भारी बारिश के बावजूद उमड़ी ज़ायरीन की भीड़

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BAREILLY

57वां उर्स-ए-शराफ़ती: भारी बारिश के बावजूद उमड़ी ज़ायरीन की भीड़

“तक़रीरी प्रोग्राम का हुआ शानदार आयोजन”

बरेली। शहर में चल रहे 57वें उर्स-ए-शाह शराफ़त के दूसरे दिन भी ख़ानक़ाह-ए-सकलैनिया शराफ़तिया पर रौनक़ बरक़रार रही। देश भर से आए ज़ायरीन ने गुल पोशी और चादर पोशी की परंपरागत रस्म अदा की।

भारी बारिश के बावजूद, बड़ी संख्या में ज़ायरीन बरेली पहुंचे।

आज उर्स के दूसरे दिन दीवान ख़ाने के चौराहे पर एक तकरीरी जलसा आयोजित किया गया।
कार्यक्रम का शुरुआत बाद नमाज़ ईशा तिलावते कलामे पाक से की गई। इसमें आसपास के क्षेत्र से आए उलामा ने इस्लाही बयान दिए। *मौलाना नूर मोहम्मद मुरादाबादी,* *मौलाना शफ़ाअत उल्लाह क़ादरी,* *मौलाना अनवार नईमी मुरादाबादी* *हाफ़िज़ मौलाना कादिर सकलैनी ककरालवी* सहित कई उलमाए किराम ने साहिबे उर्स हज़रत शाह मौलाना शराफ़त अली मियां की पाक जीवनी से लोगों अवगत कराया और आपकी तालीमात पर अमल करने की हिदायत की और साथ देश में शांति, एकता व प्रेम का माहौल बनाए रखने की अपील की।

पिछले दो दिनों से हो रही भारी बारिश के कारण अनुमान लगाया जा रहा था कि इस बार उर्स कार्यक्रम प्रभावित हो सकते हैं। लेकिन ज़ायरीन ने बड़ी संख्या में कार्यक्रमों में शिरकत करके इन अनुमानों को ग़लत साबित कर दिया।

जलसे की अध्यक्षता दरगाह प्रमुख हज़रत गाज़ी मियाँ ने की। इस मौके पर मंच पर हाफ़िज़ गुलाम गौस, हाफ़िज़ जाने आलम, मौलाना मुख्तार सकलैनी, मौलाना नफीस अहमद, हसीब सकलैनी, आमिल सकलैनी, सय्यद अरवाज़, हाजी लतीफ़ सकलैनी, इंतज़ार सकलैनी कई प्रमुख लोग मौजूद रहे।

*कल दिनांक 14 सितंबर मुताबिक 10 रबीउल अव्वल के कार्यक्रम*

सुबह बाद नमाज़ फज्र कुरान ख्वानी होगी, दिन भर चादरों के जुलूस की आमद रहेगी और मुंबई, झांसी व भोपाल से सकलैनी कारवां ट्रेन द्वारा आयेंगे।
शाम को ईशा की नमाज़ बाद दीवान खाना चौक पर खुसूसी तकरीरी प्रोग्राम आयोजित होगा

 

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