उर्स-ए-रज़वी के पोस्टर फाड़ने वालों, नफ़रत भरे नारे लगाने वालों पर कार्रवाई क्यों नहीं करती पुलिस ?

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BAREILLY

उर्स-ए-रज़वी के पोस्टर फाड़ने वालों, नफ़रत भरे नारे लगाने वालों पर कार्रवाई क्यों नहीं करती पुलिस ?

ज़ायरीन के साथ पुलिस का रवैया ना क़ाबिले बरदाश्त

नमाज़ियों के साथ बदसूलुकी करने करने वाली पुलिस को तुरंत सस्पेंड करे आला अधिकारी

प्रशासन का नहीं मिल रहा सहयोग बदइंतज़ामी की हदे पार

इस मोहोल में अधिकारियों के फ़ोन नेटवर्क छेहत्र से बाहर

—– नबीरा-ए-आला हज़रत अब्दुल्लाह रज़ा की प्रतिक्रिया —–

बरेली।

नबीरा-ए-आला हज़रत व ऑल इंडिया रज़ा एक्शन कमेटी (आरएसी) के युवा राष्ट्रीय अध्यक्ष व अध्यक्ष आलाहज़रत वेलफेयर ट्रस्ट मौलाना अब्दुल्लाह रज़ा क़ादरी ने एक बयान जारी कर कहा है कि उर्स-ए-रज़वी की पहली रात शहर में निकली एक धार्मिक यात्रा के दौरान आला हज़रत के मुक़द्दस गुम्बद के बैनर-पोस्टर फाड़े गए, नफ़रत भरे नारे लगाए गए और हद से ज़्यादा बदतमीज़ी की गई मगर पुलिस मूकदर्शक बनी रही, कुछ भी नहीं किया। इन हरकतों के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए, फिर भी आला हज़रत के उर्स में आए लाखों अक़ीदतमंदों ने अपने काम से काम रखा। उन्होंने कहा कि अगर माहौल बिगड़ता तो न सिर्फ़ उर्स पर असर पड़ता बल्कि पुलिस भर्ती परीक्षा देने के लिए आए लाखों नौजवानों का भविष्य भी अंधेरे में चला जाता। मौलाना अब्दुल्लाह रज़ा ने सवाल किया कि क्या पुलिस के आला अधिकारी इस हद तक राजनीतिक दबाव में आ गए हैं कि पूरे शहर को आग में झोकने वालों के आगे घुटने टेक दिए हैं ?

नबीरा-ए-आला हज़रत ने कहा कि उर्स-ए-रज़वी की पहली रात धार्मिक यात्रा में जो हरकतें की गईं, उन पर पुलिस को तत्काल मौक़े पर ही कार्रवाई करनी चाहिए थी। जो वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए हैं उनमें साफ़ नज़र आ रहा है कि पुलिसवाले चुपचाप खड़े तमाशा देख रहे हैं। किसी ने भी उन्माद फैलाने वालों को रोकने की कोशिश नहीं की। हम पुलिस प्रशासन से सीधा सवाल पूछते हैं कि वो इस यात्रा में शामिल उन लोगों पर कब कार्रवाई करेंगे जिन्होंने मुक़द्दस नामों और निशानियों वाले पोस्टर-बैनर फाड़े, जगह-जगह नफ़रत भरे नारे लगाए ? मौलाना अब्दुल्लाह रज़ा ने कहा कि पुलिस और प्रशासन के अधिकारी अगर अपना इक़बाल खो चुके हैं तो वह खुलकर कह दें कि अब वो इतने दबाव में हैं कि कुछ नहीं कर सकते। अगर ऐसा नहीं है तो वायरल वीडियो के आधार पर उन्माद फैलाने वालों की पहचान करें और उन पर सख़्त क़ानूनी कार्रवाई करें।

आला हज़रत के उर्स के दौरान आज जुमे की नमाज़ अदा करने को लेकर आज बरेली में दिल्ली जैसा वाक़्या सामने आया जिसमे आलाहज़रत मस्जिद में जुमे की नमाज़ अदा करते लोगों के साथ पुलिस द्वारा ज़्यादती की गई।मौलाना ने सख़्त नाराज़गी जताते वे ये माँग की नमाज़ियों के साथ बदसूलुकी करने करने वाली पुलिस को तुरंत सस्पेंड करे आला अधिकारी

मुहम्मद आलीशान ख़ान ने बताया उर्स चल रहा है लेकिन प्रशासन का नहीं मिल रहा सहयोग बदइंतज़ामी की हदे पार हैं

इस मोहोल में अधिकारियों के फ़ोन नेटवर्क छेहत्र से बाहर हैं उनसे राब्ता नहीं हो पा रहा है

युवा राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि अगर मुसलमानों पर कार्रवीई की बात आती तो पुलिस आनन-फ़ानन में सैकड़ों मुसलमानों को गिरफ़्तार कर लेती, गंभीर धाराओं में जेल भेज देती और देखते ही देखते उनके घरों को बुलडोज़र से गिरा डालती। इस मामले में क्या पुलिस और प्रशासन ऐसा कर सकता है ? ऐसा लगता है कि पुलिस और प्रशासन के आला अधिकारी इस हद तक राजनीतिक दबाव में आ गए हैं कि उन्होंने पूरे शहर और मुल्क को आग में झोकने वालों के आगे घुटने टेक दिए हैं ? उन्होंने कहा कि इस मुल्क के मुसलमानों ने हज़ारों बार अपनी शराफ़त और सब्र का सुबूत दिया है। आला हज़रत के उर्स में आए लाखों अक़ीदतमंदों ने एक बार फिर सब्र किया और शराफ़त का सुबूत दिया। हमने शहर के माहौल को ज़रा सा भी बिगड़ने नहीं दिया। अगर कोई हमारी इस शराफ़त को हमारी बुज़दिली समझता है तो वो भुलाए में है। उन्होंने कहा कि धार्मिक यात्रा में वबाल करने वालों की पहचान कर कड़ी कार्रवाई की जाए और इस यात्रा के आयोजकों पर भी मुक़दमा दर्ज किया जाए। नबीरा-ए-आला हज़रत ने कहा कि अभी उर्स-ए-रज़वी जारी है, 31 अगस्त तक चलेगा, इसलिए पुलिस और प्रशासन को बिल्कुल निष्पक्ष होकर काम करना चाहिए।

नबीरा ए आलाहज़रत
मौलाना अब्दुल्लाह रज़ा क़ादरी
युवा राष्ट्रीय अध्यक्ष ऑल इंडिया आर ए सी
व अध्यक्ष आलाहज़रत वेलफेयर ट्रस्ट

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