जंग बंदी में फिलिस्तीन के मज़लूम लोगों को भूल गया ईरान।

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BAREILLY

जंग बंदी में फिलिस्तीन के मज़लूम लोगों को भूल गया ईरान।

बरेली:- ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने प्रेस को जारी किए गए एक बयान में कहा कि ये बात दुनिया का हर शख्स जानता है कि जंग और लड़ाई झगडे से कभी कोई मसला हल नहीं होता है, बल्कि मुद्दे के हल के लिए बात चीत ही एक ऐसा माध्यम है जिसके जरिए से मसले का हल निकाला जा सकता है। ईरान इजराइल की जंग फिर इस बीच इजराइल के समर्थन में अमेरिका के खुलकर आ जाने से जंग ने व्यापक रूप ले लिया, अमेरिका का ईरान पर हमला फिर ईरान की जवाबी कार्रवाई ने पूरे क्षेत्र को घमासान बना दिया था। मगर खुशी की बात ये है कि कतर के अमीर और अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प ने इजराइल और ईरान से बात करके जंग बंदी का ऐलान कर दिया, दोनों देशों ने जंग बंदी मानकर पूरे क्षेत्र में फैली हुई अशंती को शांति में बदलने के प्रयास किए।

मौलाना ने कहा जंग बंदी तो ठीक हुई मगर उसमें अफसोसनाक पहलू ये है कि जंग बंदी की बातचीत करते समय ईरान , गजा के उन मज़लूम लोगों को भूल गया जहां पर रोज़ाना इजराइल की बेतहाशा बम बारी से सैकड़ों लोगों की जाने जा रही है, इजराइल द्वारा गजा की नस्लकुशी की जा रही है, ईरान ये भी भूल गया की गजा में अब तक एक लाख से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं, और पूरा शहर खंडहर बन चुका है। जबकि ईरान और इजराइल की जंग के पिछे गाजा का ही मुद्दा शामिल रहा है, ईरान को चाहिए था अपनी जंग बंदी के साथ ही साथ ये शर्त भी रखी जाती कि पहले मजलूमों पर बमबारी इजराइल रोकें, मगर यहा ईरान से चूक हो गई।

मौलाना ने आगे कहा कि अमीरे कतर तमीम सानी , ईरानी सुप्रीम लीडर मौलाना अली खामनाई, मीलकर दबाव डालें और बड़े दोशो की मध्यस्थता के जरिए गजा पर इजराइल की बमबारीयो को रूकवाने का काम करें।

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