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बरेली के किसानों की समस्याओं का पुलिंदा, प्रशासन से लगाई गुहार

बरेली। भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) ने जिला प्रशासन को पत्र लिखकर किसानों की गंभीर समस्याओं का निदान करने की मांग की है। पत्र में फर्जी लोन, आवारा पशुओं से नुकसान, गन्ना भुगतान में देरी, सरसों की सरकारी खरीद, बिजली आपूर्ति और राशन कार्ड से संबंधित समस्याओं को प्रमुखता से उठाया गया है।
जिला अध्यक्ष चौधरी सोमवीर सिंह ने कि ये मुद्दे उनकी आजीविका को प्रभावित कर रहे हैं और प्रशासन की ओर से त्वरित कार्रवाई की जरूरत है।
तहसील फरीदपुर की नगरिया साधन सहकारी समिति पर 2008 से 2015 के बीच लगभग 100 किसानों के खातों में फर्जी लोन चढ़ाने का आरोप है। किसानों का कहना है कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं थी और न ही समिति या बैंक ने कोई नोटिस दिया। जांच के लिए सहकारी एडीओ भुता द्वारा 8000 रुपये की रसीद की मांग की जा रही है, जिसे किसान अन्यायपूर्ण मानते हैं। पांच साल तक समिति का लेन-देन बंद रहने और 15 साल तक लोन की जानकारी न मिलने से किसान परेशान हैं। 2017 में क्रेडिट कार्ड पर सरकारी छूट की फाइल भी सचिव द्वारा नहीं लगाई गई, जिससे फर्जीवाड़े का डर सामने आया। किसानों ने निष्पक्ष जांच की मांग की है।
आवारा गोवंश से किसान रात-दिन खेतों की रखवाली करने के बावजूद फसल नष्ट होने से परेशान हैं। सड़कों और शहरों में आवारा पशुओं के कारण दुर्घटनाएं और चोटें आम हो गई हैं। किसानों ने प्रशासन से पशुओं को गौशालाओं में पहुंचाने की अपील की है। गन्ना भुगतान में देरी भी बड़ा मुद्दा है। बरेली की कई चीनी मिलें, जैसे बहेड़ी और नवाबगंज, एक साल तक भुगतान रोक रही हैं। किसान फसल की आय पर निर्भर हैं और देरी के कारण कर्ज, शादी-विवाह जैसे खर्चों के लिए मजबूरन आत्मघाती कदम तक सोच रहे हैं।
सरसों का न्यूनतम समर्थन मूल्य 5800 रुपये प्रति क्विंटल होने के बावजूद, बरेली के किसान 5000 रुपये में बेचने को मजबूर हैं, क्योंकि सरकारी खरीद की व्यवस्था नहीं है। किसानों ने तत्काल सरकारी खरीद शुरू करने की मांग की है। बिजली आपूर्ति में भी दिक्कत है। सरकार ने सात घंटे बिजली देने का वादा किया, लेकिन दो हिस्सों में आपूर्ति से सिंचाई में नुकसान हो रहा है। किसानों की मांग है कि सात घंटे लगातार बिजली दी जाए।
राशन कार्ड की समस्या भी गंभीर है। पात्र व्यक्तियों के नाम कटने के बाद दोबारा नहीं जोड़े जा रहे। सप्लाई इंस्पेक्टर का कहना है कि कोटा पूरा होने से नया नाम नहीं जोड़ा जा सकता, जिसे किसान अपने अधिकारों का हनन मानते हैं। किसानों ने पात्र व्यक्तियों के नाम तुरंत जोड़ने की मांग की है। भारतीय किसान यूनियन ने जिलाधिकारी से इन सभी मुद्दों पर त्वरित कार्रवाई की अपील की है, ताकि किसानों को राहत मिल सके। ज्ञापन देने बालो में आमिर रज़ा, हाजी मोहम्मद इकबाल, कासिफ रज़ा , राजेंद्र सिंह , सुनील यादव आदि मौजूद रहे ।