Bareilly News : आतंकवाद, वक़्फ़, तालीम और बेटियों की हिफ़ाज़त पर अदनान मियाँ की नसीहत।

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  • आतंकवाद, वक़्फ़, तालीम और बेटियों की हिफ़ाज़त पर अदनान मियाँ की नसीहत
  • आरएसी मुख्यालय “बैतुर्रज़ा” पर ताजुश्शरिया कॉन्फ्रेंस में जुटे उलामा
  • उलामा ने अपनी तक़रीरों में ताजुश्शरिया के इल्मो-फ़ैज़ का ज़िक्र किया

 

बरेली। उर्स-ए-ताजुश्शरिया के मुबारक मौक़े पर ऑल इंडिया रज़ा एक्शन कमेटी व आरएसी ट्रस्ट के मुख्यालय “बैतुर्रज़ा” पर ताजुश्शरिया कॉन्फ्रेंस आयोजित की गई। कॉन्फ्रेंस की सदारत करते हुए नबीरा-ए-आला हज़रत व आरएसी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना अदनान रज़ा क़ादरी ने आतंकवाद, वक़्फ़ एक्ट, तालीम और बेटियों की हिफ़ाज़त पर नसीहत की। उन्होंने कहा कि इस्लाम में आतंकवाद की कोई जगह नहीं है, इसके नाम पर इस्लाम और मुसलमानों को बदनाम करने वाले लोग मुल्क और इंसानियत के दुश्मन हैं। वक़्फ़ एक्ट की खुलकर मुख़ालफत करने के साथ-साथ उन्होंने तालीम पर ज़ोर दिया और ताकीद की अपनी बेटियों को साज़िश का शिकार होने से बचाएं ताकि उनका ईमान, इज़्ज़त और जान महफ़ूज़ रहे।

हुज़ूर ताजुश्शरिया के उर्स के दूसरे और आख़िरी दिन सुबह से ही “बैतुर्रज़ा” पर अक़ीदतमंदों के आने का सिलसिला शुरू हो गया। बिहार कलाँ, गैनी, बिथरी चैनपुर, क़िला, आँवला सहित बरेली के कई इलाक़ों आरएसी की टीमें चादरें लेकर पहुँची और हज़रत अदनान मियाँ साहब से मुलाक़ात के बाद चादरपोशी करने मज़ार शरीफ़ की जानिब रवाना होती रहीं। इसी दौरान लंगर-ए-आम भी बादस्तूर जारी रहा। अस्र की नमाज़ के बाद नबीरा-ए-आला हज़रत, नवासा-ए-मुफ़स्सिर-ए-आज़म, दामाद-ए-अमीन-ए-शरीअत व ख़लीफ़ा-ए-ताजुश्शरिया हज़रत अफ़रोज़ रज़ा क़ादरी की सरपरस्ती और नबीरा-ए-आला हज़रत मौलाना अदनान रज़ा क़ादरी की सदारत में ताजुश्शरिया कॉन्फ्रेंस आयोजित की गई। नबीरा-ए-आला हज़रत मौलाना अदनान रज़ा क़ादरी ने अपने ख़ुसूसी ख़िताब में कहा कि अगर हमें सही मायने में ताजुश्शरिया से मुहब्बत और अक़ीदत है तो शरीअत के हर हुक्म पर अमल करना होगा। ताजुश्शरिया को ख़िराजे अक़ीदत पेश करने का यही बेहतरीन तरीक़ा है।

मौलाना अदनान रज़ा क़ादरी ने कहा कि आतंकी हमलों के बाद इस्लाम और मुसलमानों को बदनाम करने की साज़िशें नई नहीं हैं। इन साज़िशों को रचने वाले सिर्फ़ इस्लाम या मुसलमानों का नहीं बल्कि मुल्क का भी नुक़सान करते हैं, लिहाज़ा उनसे होशियार रहने की ज़रूरत है। हुकूमत को ऐसे लोगों के ख़िलाफ़ कार्रवाई करनी चाहिए जो माहौल बिगाड़ने की कोशिश करते हैं। नबीरा-ए-आला हज़रत ने कहा कि इल्म हासिल करने की इस्लाम में बड़ी अहमियत है। हमें अपने बच्चों को बेहतरीन तालीम देनी चाहिए ताकि वो मुल्क और क़ौम की ख़िदमत कर सकें। वक़्फ़ एक्ट के बारे में उन्होंने कहा कि यह शरीअत में दख़लअंदाज़ी की ऐसी कोशिश है जो कभी कामयाब नहीं होने दी जाएगी। मुस्लिम बेटियों की इज़्ज़त-आबरू और जान की हिफ़ाज़त की तरफ़ ध्यान दिलाते हुए उन्होंने कहा कि बच्चियों की परवरिश और उनकी हिफ़ाज़त पर ख़ास ध्यान देने की ज़रूरत है।

ताजुश्शरिया कॉन्फ्रेंस में नातो-मनक़बत के नज़रानों के साथ-साथ कई उलामा की तक़रीरें हुईं। उलामा ने हुज़ूर ताजुश्शरिया के ताजुश्शरिया के इल्म, फ़ैज़, दीनी ख़िदमात और तक़वे का ज़िक्र किया। आख़िर में सलाम पढ़ा गया और हज़रत अदनान मियाँ ने ख़ुसूसी दुआ फ़रमाई।इस मौके पर हम्माद मियां,अब्दुल्ला मियां,अली रज़ा कादरी, सहित खानवादा ए रज़विया के कई लोग और बड़ी तादाद में उलमा आर ए सी पदाधिकारी वा कार्यकर्ता मौजूद रहे।

इस मुबारक मौक़े पर “बैतुर्रज़ा” के अलावा भी कई जगहों पर महफ़िलों और लंगर व सबीलों का इंतज़ाम किया। मथुरापुर में जामितुर्रज़ा के गेट के पास शर्बत का लंगर लगाया गया और खाने के पैकेट बनाकर लंगर किया गया। बिहारीपुर ढाल से नीचे बीबी जी की मस्जिद के पास सबील लगाई गई। पुराना शहर की ग़ौसिया मस्जिद में भी उर्स-ए-ताजुश्शरिया की महफ़िल सजाई गई। शाहजहाँपुर के मीरानपुर कटरा में आरएसी की इकाई ने उर्स-ए-ताजुश्शरिया का शानदार जलसा करवाया।

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