बरेली। जनपद की गोशालाओं की बदहाली पर जिलाधिकारी अविनाश सिंह ने कड़ा रुख अख़्तियार किया है। निरीक्षण में अव्यवस्था और लापरवाही सामने आने के बाद प्रशासन ने 127 गोशालाओं में नोडल अधिकारी नामित कर दिए हैं। ये नोडल अधिकारी सीधे तौर पर गोवंश की देखरेख, चारा-पानी और स्वास्थ्य व्यवस्था की निगरानी करेंगे।
जिले में फिलहाल 17,584 गोवंश दर्ज हैं, जिनकी देखरेख की जिम्मेदारी अब स्पष्ट रूप से तय कर दी गई है। डीएम ने साफ कहा कि गोवंश के रखरखाव में किसी भी स्तर पर कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने आदेश दिया है कि सभी नोडल अधिकारी नियमित रूप से गोशालाओं का दौरा करें और हर स्थिति की रिपोर्ट सीधे उन्हें भेजें।
निरीक्षण में कई जगह चारे की कमी, पानी की गंदगी और गोवंश के इलाज में लापरवाही जैसे गंभीर मामले सामने आए। इस पर जिलाधिकारी ने रखरखाव करने वाली दो एजेंसियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। चेतावनी दी गई है कि अगर सुधार नहीं हुआ तो संबंधित एजेंसियों और जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी।
डीएम अविनाश सिंह ने कहा, “गोवंश की सेवा हमारी नैतिक और कानूनी जिम्मेदारी है। किसी भी कीमत पर गोशालाओं में जानवरों को भूखा या बीमार नहीं रहने देंगे। लापरवाहों पर सीधी कार्रवाई होगी।” प्रशासनिक सूत्रों के मुताबिक, अब गोशालाओं में कैमरा सर्विलांस लगाने और चारे की सप्लाई का डिजिटल रिकॉर्ड बनाए रखने पर भी विचार चल रहा है, ताकि भविष्य में गड़बड़ियों पर तुरंत नकेल कसी जा सके। स्पष्ट है कि जिले में गोशालाओं की बदहाली पर डीएम की यह कार्रवाई एक सख्त संदेश है गोवंश की उपेक्षा करने वालों की अब खैर नहीं।
