BAREILLY
मौलाना अब्दुल्लाह रजा क़ादरी ने लिखा डीजीपी यू पी को पत्र
उठाया उर्स ए रज़वी का मुद्दा
नबीरा ए आलाहज़रत
मौलाना अब्दुल्लाह रजा क़ादरी
युवा राष्ट्रीय अध्यक्ष आल इंडिया आर ए सी व अध्यक्ष आलाहज़रत वेलफेयर ट्रस्ट ने
उर्स-ए-रज़वी की व्यवस्था में व्यवधान डालने, पोस्टर-बैनर फाड़े जाने और नमाज़ पढ़ते ज़ायरीन के उत्पीड़न के संबंध में डीजीपी यू पी को पत्र लिखा
मौलाना ने उस पत्र में कहा पिछले दिनों 29, 30, 31 अगस्त को बरेली शरीफ़ में आला हज़रत फ़ाजिल-ए-बरेलवी का 106वाँ उर्स मनाया गया, जिसमें उम्मीद के मुताबिक़ लाखों अक़ीदतमंदों ने शिरकत की। दरगाह आला हज़रत से संबंधित संगठनों ने उर्स से पहले पुलिस, प्रसाशन, रेलवे, नगर निगम, बिजली विभाग आदि के अधिकारियों से बैठकें कर सारी व्यवस्थाएं दुरुस्त कराने की माँग की और हर संभव सहयोग के लिए टीमें भी गठित कीं। इसके बावजूद उर्स के दौरान न केवल अव्यवस्थाएं देखने को मिलीं बल्कि उर्स की व्यवस्था में व्यवधान भी डाला गया और ज़ायरीन का उत्पीड़न भी किया गया। इस संबंध में हम आपका ध्यान निम्न बिंदुओं की ओर दिलाना चाहते हैं –
सी.ओ. पंकज श्रीवास्तव ने नमाज़ियों को धक्के और गालियाँ दीं इस्लामिया कॉलेज मैदान में उर्स स्थल के चारों तरफ़ काफ़ी दूरी पर वाहनों की एन्ट्री बंद कर दी गई थी। इस्लामिया कॉलेज का पूरा मैदान, आसपास की गलियाँ-मुहल्ले, मस्जिदें और सड़कें ज़ायरीन से भर गई थीं। पूरे क्षेत्र में केवल ज़ायरीन ही थे। ऐसे में उर्स के दूसरे दिन जब जुमे की नमाज़ का वक़्त आया तो मस्जिदों में भी जगह कम पड़नी लाज़िमी थी। मजबूरन कुछ अक़ीदतमंदों को सड़क पर नमाज़ अदा करनी पड़ी। जिस समय वो नमाज़ अदा कर रहे थे तब वहाँ दूर-दूर तक वाहन की एन्ट्री ही संभव नहीं थी और दूर-दूर तक केवल नमाज़ी ही थे। इसके बावजूद सी.ओ. पंकज श्रीवास्तव ने नमाज़ियों की जानमाज़ पर जूते पहनकर खड़े हो गए और नमाज़ पढ़ते हुए लोगों को ज़ोर-ज़ोर से गालियाँ देने लगे। और नमाज़ियों को धक्के देते रहे। उनकी इस हरकत का वीडियो भी सोशल मीडिया वायरल हुआ है। इसके बावजूद अक़ीदतमंदों ने सब्र से काम लिया और सबकुछ बर्दाश्त करते हुए शांति बरक़रार रखी। इस संबंध में हमारी आपसे माँग है कि सी.ओ. पंकज श्रीवास्तव पर तुरंत कड़ी कार्रवाई की जाए। इतने बड़ा आयोजन में अव्यवस्था फैलाकर ज़ायरीन के साथ-साथ पूरे शहर को ख़तरे में डालने का काम करने वाले इस अधिकारी को निलंबित किया जाए, इसके बाद बड़े आयोजनों के प्रबंधन की विशेष ट्रेनिंग दी जाए और आवश्यकता अनुसार इनकी मनोचिकित्सीय काउंसेलिंग भी कराई जाए ताकि भविष्य में यह ऐसे किसी आयोजन के अवसर पर शंति व्यवस्था के लिए ख़तरा न बने।
मदरसा मज़हर-ए-इस्लाम के पास लंगर के बर्तनों को पैर से ठुकराना
दरगाह आला हज़रत से कुछ ही दूरी पर स्थित बीबी जी की मस्जिद से सटा हुआ मदरसा मज़हर-ए-इस्लाम है। यह बिहारीपुर क्षेत्र में पड़ता है। यहाँ दशकों से ज़ायरीन के लिए लंगर का इंतज़ाम होता है। इस बार पुलिस कर्मियों ने मौक़े पर पहुँचकर लंगर के बर्तनों को पैर से ठुकराया और लंगर का इंतज़ाम करने वाले अक़ीदतमंदों को गंदी-गंदी गालियाँ दीं। यहाँ भी मस्जिद और मदरसा प्रबंधन ने समझदारी से काम लेते हुए सभी से शांति बनाए रखने की अपील की। इस संबंध में हमारी माँग है कि उर्स-ए-रज़वी में लंगर के पाक बर्तनों को ठोकर मारने, अक़ीदतमंदों को गालियाँ देने वाले और शहर की शांति व्यवस्ता को ख़तरे में डालने वाले पुलिसकर्मियों पर कड़ी कार्रवाई की जाए।
उर्स-ए-रज़वी के पोस्टर और बैनर फाड़ने वालों को खुली छूट नज़र आयी
उर्स-ए-रज़वी के दौरान एक और धार्मिक यात्रा का रूट उर्स स्थल से बिल्कुल अलग रखा गया था। इसके बावजूद यात्रा में शामिल युवकों ने नॉवल्टी चौराहे पर भड़काऊ नारे लगाकर और मुसलमानों को गालियाँ देते हुए रूट बदलकर उर्स स्थल की ओर जाने का प्रयास किया। पुलिस ने समझाने का प्रयास किया तो उन युवकों ने उर्स-ए-रज़वी के पोस्टर-बैनर फाड़ने शुरू कर दिए। इन पोस्टरों में आला हज़रत के मज़ार शरीफ़ का मुक़द्दस गुम्बद भी बना था और उनका मुक़द्दस नाम भी लिखा था। नफ़रती नारे लगाते हुए पोस्टर-बैनर फाड़ते हुए युवकों का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। पुलिस मूकदर्शक बनी देखती रही। इस मामले में किसी भी भी गिरफ़्तारी नहीं की गई। इस संबंध में हम माँग करते हैं कि वीडियो के आधार पर पहचान कर शरारती तत्वों को गिरफ़्तार किया जाए और उस घटना के समय मूकदर्शक बने रहे पुलिसकर्मियों पर भी कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाए।
फ़िलस्तीन का झंडा लाने वाले ज़ायरीन पर मुक़दमा
करा गया
सारी दुनिया जानती है कि भारत और फ़िलस्तीन के पुराने संबंध हैं। फ़िलस्तीन पर इसराइली हमले के तुरंत बाद भारत ने फ़िलस्तीन के संप्रभुता का आधिकारिक बयान जारी किया था। इसके अतिरिक्त भारत सहित दुनिया भर के मुसलमानों के लिए फ़िलस्तीन एक मुक़द्दस जगह है क्योंकि वहाँ मुसलमानों का क़िब्ला-ए-अव्वल है। ऐसे में एक-दो अक़ीदतमंद फ़िलस्तीन का झंडा लेकर उर्स स्थल में पहुंचे और उन्होंने मँच पर बैठे उलामा को झंडा और बैनर दिखाकर फ़िलस्तीन के लिए दुआ की माँग की। क़िब्ला-ए-अव्वल और फ़िलस्तीन के आम नागरिकों व बच्चों पर होते ज़ुल्म के लिए उलामा से दुआ को कहना कोई जुर्म तो नहीं था मगर उनके ख़िलाफ़ मुक़दमा दर्ज कर लिया गया। इस संबंध में हम आपसे माँग करते हैं कि मुक़दमा निरस्त किया जाए और अक़ीदतमंदों का उत्पीड़न रोका जाए।
सी.ओ. ने उर्स स्थल के पास लगी दुकानें तोड़ीं, छप्पर फाड़े
अंत में हम आपका ध्यान सी.ओ. पंकज श्रीवास्तव की एक और अतिउत्साहित, ग़ैरज़िम्मेदाराना तथा उत्पीड़नात्मक कार्रवाई की ओर दिलाना चाहते हैं। सी.ओ. पंकज श्रीवास्तव ने उर्स स्थल के पास दशकों से लगने वाली दुकानों पर तोड़फोड़ की, बरसात और गर्मी के मौसम में उनकी इस ग़ैरक़ानूनी उत्पीड़नात्मक कार्रवाई से न केवल दुकानदारों और अक़ीदतमंदों को परेशानी और तकलीफ़ हुई बल्कि उर्स की व्यवस्था में भी व्यवधान आया। इस संबंध में हम आपसे दोबारा माँग करते हैं कि उक्त सी.ओ. के विरुद्ध कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाए। सी.ओ. पंकज श्रीवास्तव को बड़े आयोजनों के प्रबंधन से तब तक दूर रखा जाए जब तक इन्हें ऐसे आयोजनों के प्रबंधन की विशेष ट्रेनिंग न दे दी जाए और इनके प्रशिक्षित हो जाने का ऑन-रिकॉर्ड आकलन न कर लिया जाए।
आप उपरोक्त सभी बिंदुओं पर ध्यान देकर त्वरित आवश्यक कार्रवाई करें इस संबंध में किसी भी सहयोग के लिए हमसे संपर्क किया जा सकता है।
मौलाना अब्दुल्लाह रज़ा क़ादरी
नबीरा-ए-आला हज़रत
युवा राष्ट्रीय अध्यक्ष ऑल इंडिया रज़ा एक्शन कमेटी (आरएसी)व अध्यक्ष आला हज़रत वेलफेयर ट्रस्ट
दरगाह आला हज़रत,बरेली शरीफ़,उत्तर प्रदेश
