Bareilly News : डेढ़ वर्ष से फरार चल रहे वारंटी रिएल स्टेट कारोबारी को किया गया गिरफ्तार।

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डेढ़ वर्ष से फरार चल रहे वारंटी रिएल स्टेट कारोबारी को किया गया गिरफ्तार

बरेली। थाना बारादरी पुलिस ने रिएल स्टेट कारोबारी एवं श्री गंगा इन्फ्रासिटी प्रा लिमिटेड के डायरेक्टर राजेश मौर्य पुत्र रामदेव मौर्य निवासी चन्द्रगुप्त पुरम कालोनी पीलीभीत बाईपास रोड थाना बारादरी बरेली को गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तार अभियुक्त के विरुद्ध माननीय न्यायालय से कई गिरफ्तारी वारन्ट जारी हुए थे किन्तु अभियुक्त जानबूझ कर विगत डेढ वर्ष से फरार चल रहा था काफी प्रयास एवं सर्विलान्स आदि के मदद से रविवार को गिरफ्तार किया। गिरफ्तार अभियुक्त को माननीय न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत कर दाखिला वारण्ट बनवाकर जेल भेजा गया ।

अभियुक्त के विरूद्ध दिल्ली , मथुरा व अन्य जनपदो में भी अभियोग पंजीकृत है । जिसकी जानकारी की जा रही है । पूछताछ करने पर बताया कि वह मूल रूप से जनपद कुशीनगर का रहने वाला है यहां इसके पिता नगर निगम में ट्यूवल ऑपरेटर के पद पर नियुक्त थे जो वर्ष 2015 में रिटायर्ड हो गये एवं बरेली में ही रहने लगे अभियुक्त बचपन से ही अपने पिता के साथ रहा वर्ष 2018 में अभियुक्त ने श्री गंगा इन्फ्रासिटी प्रा लि नाम से रिएल स्टेट कारोबार के तहत रजिस्ट्रेशन कराकर कम्पनी का मुख्य कार्यालय रूहेलखण्ड चौकी क्षेत्र में ग्रीन पार्क कालोनी में खोला था तथा थाना भुता क्षेत्र में लगभग 200 बीघा जमीन पर भूखण्ड आवंटन बिक्री हेतु भूमि एग्रीमेन्ट के तहत लिया था सम्बन्धित लिमिटेड द्वारा 1 वर्ग गज जमीन की कीमत 2500-3000 रूपये रखकर बिक्री करना प्रारम्भ किया तथा अगर कोई व्यक्ति 100 वर्ग गज भूखण्ड खरीदता था ।तो उसकी कीमत 3 लाख रूपये निर्धारित थी उस समय सरकारी मालियत के हिसाब से उसे 1 लाख 25 हजार रूपये खर्च करने पडते थे जिसका लेखा जोखा सरकारी रहता था बाकी पैसा 1 लाख 75 हजार रूपये कम्पनी नगद ले लेती थी कम्पनी ने यह स्कीम भी चलाया था कि जो व्यक्ति प्लाट खरीदेगा उसे नई दिल्ली के तर्ज पर प्रत्येक महीने खरीदे गयी कीमत की एक प्रतिशत प्रत्येक माह वापस 100 माह तक होता रहेगा या प्लाट खऱीदने के पांच वर्ष बाद यदि उक्त व्यक्ति मन्थली स्कीम का लाभ नही लेगा तो पांच वर्ष बाद उक्त प्लाट वे चाहे तो कम्पनी को सरेण्डर कर दे कम्पनी उसे खऱीदे गये दाम का दोगुना पैसा वापस कर देगी जिसके लिए कम्पनी ने खरीदते समय ही ब्लैंक चेक भी खरीदार को उपलब्ध कराये थे कम्पनी ने अपनी इस स्कीम को प्रचार प्रसार के लिए 200 छोटे बडे ब्रान्च विभिन्न गांव मोहल्ले में खोल रखा था उक्त ब्रान्च का फ्रेन्चाइजी देने के लिए कम्पनी द्वारा उक्त व्यक्ति से 2 लाख रूपये सिक्योरटी मनी जमा कराकर उन्हे प्रत्येक महीने 18000 रूपये नगद वेतन देती थी बदले में शर्त यह था कि उक्त शाखा उन्हे प्रत्येक वर्ष 25 लाख का निवेश बिजनेस देगी । शुरूआत में सब कुछ ठीक चल रहा था किन्तु कम्पनी अपने शर्तो के अनुरूप कार्य नही कर पायी और लोगो को तय राशि का केवल 70 प्रतिशत ही वापस कर पायी किसी किसी को पैसे भी समय पर नही दे पायी और लगभग 200 लोगो का पैसा कम्पनी में बकाया या फंस गया था । कम्पनी ने बकाया के रूप में जिसको चेक दिया था वे भी बैंक में पैसा पर्याप्त न होने के कारण वाउन्स हो गया था । जिनका कम्पनी मे पैसा फंसा या चेक वाउन्स हुआ उसमें प्रमुख रूप से अनिल शाहू , राजीव गुप्ता , संजीव गुप्ता आदि लोग थे उस समय काफी लोगो द्वारा धरना प्रदर्शन किया गया था जिसके बाद विभिन्न तिथियो में विभिन्न थानो पर कम्पनी के विरूद्ध अभियोग पंजीकृत किये गये थे तथा गैंगस्टर की कार्यवाही भी की गयी थी जिसमें अभियुक्त तथा उसका पूरा परिवार जेल गया था। जमानत के बाद मुख्य डायरेक्टर एनआई एक्ट के मुकदमें में जारी वारण्ट से फरार चल रहा था जिसको गिरफ्तार गया।
गिरफ्तार करने वाली पुलिस टीम में प्रनि धनन्जय कुमार पाण्डेय , उनि धर्मेन्द्र विश्नोई चौकी प्रभारी जोगी नवादा , हेका राजू , का पवन नागर मौजूद थे।

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