अखिलेश पहली बार बोले सच इसलिए समर्थन, कथावाचक और मौलवी वक्ता और शायर हैं प्रोफेशनल लोग।

👇समाचार सुनने के लिए यहां क्लिक करें

BAREILLY

अखिलेश पहली बार बोले सच इसलिए समर्थन, कथावाचक और मौलवी वक्ता और शायर हैं प्रोफेशनल लोग।

बरेली। इटावा मे कथावाचक के साथ हुई घटना चर्चा का विषय बनी हुई है, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से लेकर अखिलेश यादव तक अलग-अलग मंचों पर अपने राजनीतिक हितों को साधते हुए बयान दे रहे है। इसी दरमियान मौलाना शहाबुद्दीन रज़वी बरेलवी ने भी एक बड़ा बयान दे डाला, मौलाना ने इन दोनों लोगों से आगे बढ़कर हिंदू कथावाचको और मौलवी वक्ताओं और शायरो को भी लपेटे में ले लिया, और खुब खरी खोटी सुनाई।

आल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रज़वी बरेलवी ने प्रेस को जारी किये गये बयान मे कहा कि मौजूदा समय मे गरीब आदमी को कोई धार्मिक आयोजन कराना बहुत मुश्किल और महंगा पड़ता है। हिंदुओं के कार्यक्रम को सम्बोधित करने के लिए कथावाचको को बुलाया जाता है, बिल्कुल इसी तरह मुसलमानो के कार्यक्रम मे तकरीर करने के लिए मौलवी को बुलाया जाता है, बाज़ शहरो मे सांस्कृतिक कार्यक्रम को बढ़ावा देने के लिए मुशायरे आयोजित होते है, उसमें हिंदू शायर और मुस्लिम शायर बुलाये जाते हैं। ये तीन कैटेगरी के लोग होते है, जिसमे कथावाचक और मौलवी धर्म का टाईटल लगाये हुए होते हैं और अदब के नाम पर शायर मंचों पर गला बाज़ी की कला दिखाते हैं। इन तीनों ग्रुपों की हालत यह है कि आयोजकों से पहले अपना पैसा तय करते हैं फिर उसके बाद अपना समय देते हैं, कार्यक्रम में पहुंचने से पहले अपने अकाउंट मे पहले पैसा डलवाते हैं फिर कही बाद में कार्यक्रम में पहुंचते है। इन तीनों कैटगरी के लोगों ने अपना धंधा पानी सेट करने के लिए एक निजी सचिव रख रखा है, वो व्यक्ति इन लोगों के मोलभाव तय करता है, मोटी रकम लेने के बाद सारे मामलात तय हो जाते हैं।
मौलाना ने कहा कि समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कथावाचकों के बारे मे जो कुछ कहा, वह उनकी बात सौ फीसद दुरुस्त है, मै इनका समर्थक नहीं हुँ मगर उन्होंने आज जो सच्ची बात कही है वो दिल और दिमाग से कही है, वो सच्ची बात है और समाज को आईना दिखाने वाली बात है। इसलिए मैं उनके बयान का समर्थन करता हूं।
मौलाना ने कहा कि यह लोग धर्म के नाम पर दुनिया दारी कर रहे हैं, अपने चहरे और लिबास पर धर्म का टाईटल लगा रखा है, और धर्म की आड़ में न जाने कौन कौन से दुनिया दारी के काम अंजाम दे रहे हैं। इनका दावा है कि हम धर्म का प्रचार प्रसाण और सेवा कर रहे है, इनका दावा खोखला और समाज को दोखा देने वाला और भ्रमित करने वाला है। ये लोग धर्म के सेवक नही बल्कि धर्म कि आड़ में अपने परिवार कि सेवा में लगे हुए हैं।
मौलाना ने हिंदू और मुस्लिम जनता से आह्वान करते हुए कहा कि ऐसे कथावाचको, मौलवियों और शायरों को अपने कार्यक्रमों में न बुलाए, बल्कि इनका बायकॉट करें। हां कुछ लोग अच्छे भी है, जो कथा और तकरीर करने के पैसे तय नहीं करते हैं वो लोग जरूर धर्म के सेवक है। ऐसे अच्छे लोगो को अपने कार्यक्रमों में बुलायें, ताकि समाज में अच्छा पैगाम जाये, और उनके माध्यम से समाज में घुस आयी बुराईयों को दूर किया जा सके।

Leave a Comment

और पढ़ें