BAREILLY
उप्र ग्राम रोजगार सेवक संघ ने रुके हुए मानदेय के भुगतान की मांग की
बरेली। उत्तर प्रदेश ग्राम रोजगार सेवक संघ के जिलाध्यक्ष गंगादिन कश्यप के नेतृत्व में जिले के दर्जनों ग्राम रोजगार सेवकों ने सोमवार को जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचकर अपना रोष जताया और मानदेय भुगतान की मांग को लेकर ज्ञापन सौंपा। रोजगार सेवकों ने मांग की कि डेढ़ वर्ष से अटके अधिक का मानदेय का भुगतान तत्काल कराया जाए।
ज्ञापन में बताया गया कि जिले की विभिन्न ग्राम पंचायतों में मनरेगा योजना के अंतर्गत कार्यरत ग्राम रोजगार सेवकों को हर माह 10 हजार रुपए का मानदेय निर्धारित किया गया है, जिसमें 7,788 रुपए नकद भुगतान और 2, 212 रुपए ईपीएफ हेतु दिए जाते हैं नहीं मिले है। लेकिन बीते डेढ़ साल से लगातार उनका अधिक मानदेय रोक दिया गया है। खास बात यह है कि 10 जुलाई 2025 को शासन स्तर से 3.3 करोड़ रुपये की धनराशि प्रशासनिक मद के तहत मानदेय भुगतान के लिए जारी की गई थी, फिर भी जिले के अधिकारी यह कहकर भुगतान नहीं कर रहे कि 3.5 प्रतिशत की सीमा से अधिक प्रशासनिक मद खर्च नहीं किया जा सकता।
रोजगार सेवकों ने आरोप लगाया कि भदपुरा, बहेड़ी, फतेहगंज पूर्वी, क्यारा, मझगवां, मीरगंज, बिथरी चैनपुर, फरीदपुर, दमखोदा और भुता जैसे कई विकास खंडों में संबंधित खंड विकास अधिकारियों ने 3.5 प्रतिशत से अधिक प्रशासनिक मद खर्च करने पर शासन स्तर से नोटिस की कार्यवाही झेली है। भदपुरा के खंड विकास अधिकारी आसीत पाल पर तो शासन स्तर से कार्रवाई भी की जा चुकी है।
रोजगार सेवकों ने जिलाधिकारी से आग्रह किया कि वे शासन स्तर से वार्ता कर 3.5 प्रतिशत प्रशासनिक बाध्यता को समाप्त कराएं, जिससे उन्हें लंबित मानदेय का भुगतान 7,788 रूपए प्रतिमाह की दर से तत्काल मिल सके। ज्ञापन सौंपने वालों में कई विकास खंडों के रोजगार सेवक शामिल रहे। कर्मचारियों ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई तो वे आंदोलन को बाध्य होंगे।
ज्ञापन के दौरान सतीश, ममता , प्रवीन कश्यप, शमशाद अहमद, सरिता यादव , दीपिका , गंगादीन कश्यप आदि मौजूद रहे।
