सावन के चौथे सोमवार पर बरेली में शिव भक्तों का भव्य उत्सव!

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सावन के चौथे सोमवार पर बरेली में शिव भक्तों का भव्य उत्सव!

बरेली: सावन का चौथा सोमवार बरेली में एक अद्भुत धार्मिक उत्सव के रूप में मनाया गया। इस विशेष दिन पर लाखों शिव भक्तों ने सुबह से ही मंदिरों की ओर रुख किया, जहां भगवान शिव की पूजा और जलाभिषेक के लिए लंबी कतारें लगीं। बरेली की गलियाँ और मंदिर ‘हर हर महादेव’ के जयकारों से गूंज उठीं, और शहर ने एक दिव्य स्वरूप ले लिया।


गलियों से लेकर मंदिरों तक गूंजे ‘हर हर महादेव’ के जयकारे

सावन के इस विशेष दिन को लेकर बरेली में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी। मंदिरों के बाहर लंबी कतारों के साथ-साथ गलियों में भी ‘हर हर महादेव’ के जयकारे गूंजे। शहर के प्रमुख मंदिरों जैसे त्रिवटी नाथ, अलखनाथ, और धोपश्वर नाथ मंदिर में भक्तों का हुजूम देखने को मिला। हर दिशा से श्रद्धालु आए और भगवान शिव के प्रति अपनी भक्ति प्रकट की।

भक्तों ने सुबह-सुबह ही मंदिरों की ओर निकलना शुरू कर दिया था, और दिन चढ़ने के साथ ही भीड़ बढ़ती चली गई। ‘हर हर महादेव’ के जयकारे ने पूरे वातावरण को भक्तिमय बना दिया और यह दृश्य देखकर मन को शांति और प्रसन्नता का अनुभव हुआ।

 


सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम – जिला अधिकारी और पुलिस कर्मियों की तैनाती

धार्मिक आयोजनों के दौरान सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए, बरेली में विशेष सुरक्षा इंतजाम किए गए। जिला अधिकारी, एसएसपी, एसपी और सभी सीओ ने मंदिरों का भ्रमण किया और व्यवस्था की निगरानी की। सुरक्षा बलों को विभिन्न मंदिरों और उनके आसपास तैनात किया गया ताकि श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके और कोई भी अप्रिय घटना न घटे।

सुरक्षा की दृष्टि से, सड़कों को संलग्न किया गया, ट्रैफिक व्यवस्था को बेहतर बनाया गया और विशेष पुलिस चेकपोस्ट बनाए गए। यह सुनिश्चित किया गया कि भक्त आसानी से मंदिरों तक पहुंच सकें और किसी भी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े।


भक्तों ने किया जलाभिषेक – प्राचीन मंदिरों में लगी लंबी कतारें

सावन के चौथे सोमवार पर, भक्तों ने भगवान शिव की आराधना में विशेष रूप से जलाभिषेक किया। उन्होंने हाथों में लोटा लेकर जल, दूध, बेलपत्र और फूलों से शिवलिंग का अभिषेक किया। बरेली के प्रमुख प्राचीन मंदिरों में जैसे त्रिवटी नाथ, अलखनाथ, धोपश्वर नाथ, तपेश्वर नाथ, पशुपतिनाथ और वन खंडीनाथ मंदिरों में भक्तों की लंबी कतारें लगी रहीं।

भक्तों ने घंटों तक इंतजार किया ताकि वे भगवान शिव के दर्शन कर सकें और अपनी श्रद्धा अर्पित कर सकें। हर मंदिर के बाहर भक्तों की लम्बी-लम्बी कतारें देखी गईं, जो इस बात का प्रमाण हैं कि सावन के इस दिन की महत्वता कितनी अधिक है।


सावन मास में भगवान शिव की आराधना – भक्तों का कहना: ‘यह माह शिव जी का प्रिय है’

सावन मास भगवान शिव का प्रिय महीना माना जाता है। भक्तों का मानना है कि इस माह में की गई पूजा और अर्चना भगवान शिव को विशेष रूप से प्रसन्न करती है। इस दिन, भक्तों ने अपने घरों से निकलकर मंदिरों का रुख किया और भगवान शिव के प्रति अपनी भक्ति और प्रेम व्यक्त किया।

भक्तों ने मंदिरों में जाकर सुख-समृद्धि, शांति और समृद्धि की प्रार्थना की। उनका कहना था कि सावन मास भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त करने का एक महत्वपूर्ण समय है, और इस दौरान की गई पूजा से जीवन में सुख और शांति आती है।

 

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