BAREILLY
पद्मश्री से सम्मानित, उर्दू नॉवेलिस्ट इस्मत चुगताई को बरेली उर्दू क्लब की अध्यक्ष ज़ैनब फ़ातिमा ने दी श्रद्धांजलि
बरेली । एक ऐसी महिला लेखिका की, जिन्होंने अपने लेखन से महिलाओं के प्रति समाज के दोहरे रवइये को न सिर्फ़ उजागर किया बल्कि महिलाओं में एक नई चेतना का विकास भी किया। हालांकि उन्हें समाज के ठेकेदारों का निशाना भी बनना पड़ा, लेकिन वो झुकी नहीं। दरअसल हम बात कर रहे हैं उर्दू भाषा की एक चर्चित साहित्यकार इस्मत आपा के नाम से जानी जाने वालीं उन शख्सियत की, जो इस्लामिया गर्ल्स इंटर कॉलेज, बरेली की प्रथम प्रधानाचार्या बनीं, बदायूं में जन्मी इस्मत चुगताई ने लड़कियों की शिक्षा पर बल देते हुए पुरुष प्रधान समाज पर चोट की। ज़ैनब ने कहा कि इस्मत आपा उर्दू ही नही बल्कि साहित्य में भी एक चर्चित सशक्त कहानीकार के रूप में भी विख्यात हैं। उन्होंने महिलाओं से जुड़े मुद्दों को अपनी रचनाओं में बेबाकी से उठाया और पुरुष प्रधान समाज में उन मुद्दों को संजीदा ढंग से पेश करने की जोखिम भी उठाई। रूढ़िवादिता के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाने और खुले विचारों के लिए समाज में क्रांति लाने वालीं प्रसिद्ध लेखिका इसमत चुगताई आपा के जन्मदिन के मौके पर ज़ैनब फातिमा ने कहा, आपा ताउम्र लड़कियों औरतों के हक़ के लिए लड़ीं। लड़कियां पढ़ाई जाएं जिससे वो अपने हक़ को जानें, कोई उन पर शासन न करे वो ग़ुलाम बन ज़िन्दगी न गुज़ार दें। इसलिए वो लड़कियों को पढ़ा-लिखाकर आगे लाने की वकालत करती रहीं। इस्मत आपा ने ज़िन्दगी को अपनी शर्तो पर जिया और मौत के बाद भी उनके शरीर के साथ क्या होगा यह तय कर दुनिया से रुखसत हुईं। भारत सरकार द्वारा पदम् श्री से सम्मानित उर्दू नॉवेलिस्ट क्रांतिकारी इस्मत चुगताई आपा के जन्मदिन पर उन्हें याद करते हुए बरेली उर्दू क्लब की ओर से उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की गई।
