BAREILLY
कामिका एकादशी पर खिला श्रद्धा का पुष्प, श्याम बाबा के दरबार में गूंजा भक्ति का संगीत
बैंगलोर और कोलकाता से मंगाए फूलों से हुआ दिव्य श्रंगार, भजन-संध्या रात 10 बजे तक चली
बरेली। श्रावण मास के पवित्र अवसर पर कामिका एकादशी पर श्याम मंदिर में भव्य आयोजन हुआ। सुबह से ही श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा और शाम होते-होते श्याम दरबार भक्ति रस से सराबोर हो गया। इस विशेष दिन पर बाबा श्याम का अलौकिक श्रंगार किया गया, जिसने हर भक्त का मन मोह लिया।
मंदिर के महंत पंडित सुशील पाठक ने जानकारी दी कि श्रावण मास के कृष्ण पक्ष की कामिका एकादशी पर सुबह 7 बजे बाबा श्याम का विशेष श्रंगार किया गया। इस बार का श्रंगार कल्पना द्वारा अर्पित किया गया था, जिसमें विशेष फूलों की मालाएं बैंगलोर और कोलकाता से मंगवाई गई थीं। इन फूलों से बाबा श्याम का इतना मनोहारी श्रंगार हुआ कि भक्तों ने इसे दिव्य, अद्भुत और अलौकिक बताया।
श्रंगार सेवा के बाद अंजली गर्ग द्वारा भक्तों को प्रसाद वितरण किया गया। तत्पश्चात अपने नियत समय पर, ठीक शाम 7 बजे, श्याम गुणगान का शुभारंभ किया गया, जो लगभग रात्रि 10 बजे तक लगातार चलता रहा। मंदिर परिसर में भक्ति और संगीत का ऐसा संगम देखने को मिला कि हर कोई भावविभोर हो गया।
कार्यक्रम में प्रसिद्ध भजन गायकों ने शिरकत की। सोनल चंचल, मोहन दीवाना, अभिराज सिंह और अभिषेक कुंद्रा जैसे लोकप्रिय गायक मंच पर उपस्थित रहे। संगीत व्यवस्था में कीबोर्ड पर सचिन, ढोलक पर विशाल मौर्य, ऑर्कोपैड पर अंकुर कश्यप ने सुर और ताल से वातावरण को मंत्रमुग्ध कर दिया।
इस आयोजन में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने भाग लिया। प्रमुख रूप से संजय आयलानी, गुरु मंगत सिंह, सबिता अग्रवाल, अंकुर कक्कड़, अंकुश अग्रवाल, पवन मौर्य, बिपिन कश्यप, भगवान दास, रामबहादुर प्रजापति, इंद्रेश जी, महेंद्र, ओमबीर, संस्कृति शर्मा, कुलदीप गुप्ता, मनोज गुप्ता आदि ने भक्ति में सहभागिता की।
कामिका एकादशी का यह आयोजन श्याम भक्तों के लिए एक आध्यात्मिक उत्सव बन गया। भक्तगण देर रात तक श्याम बाबा की महिमा में डूबे रहे। मंदिर परिसर में जयकारों की गूंज, पुष्पों की महक और भक्तों का समर्पण सभी ने मिलकर इसे एक अविस्मरणीय शाम बना दिया।
श्याम बाबा के दरबार में यह आयोजन न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक बना, बल्कि यह साबित कर गया कि जब श्रद्धा सच्ची हो, तो हर दिन एक त्योहार बन जाता है।
