खड़े होकर पेशाब करने पर छींटे पेंट पर पड़ती है, फिर वही पेंट पहनने वाले लोग मस्जिद के अंदर आकर बैठे मस्जिद को नापाक किया

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BAREILLY

खड़े होकर पेशाब करने पर छींटे पेंट पर पड़ती है, फिर वही पेंट पहनने वाले लोग मस्जिद के अंदर आकर बैठे मस्जिद को नापाक किया

बरेली। दिल्ली में समाजवादी पार्टी के अखलेश यादव और डिंपल यादव के साथ धर्मेंद्र यादव अन्य पार्टी के कार्यकर्ताओं को बैठा कर मीटिंग करने के मामले में बरेली मौलाना शहाबुद्दीन रिजवी ने कड़ा रुख एख्तियार कर लिया है और उन्होंने संसद स्ट्रीट नई दिल्ली की मस्जिद के इमाम मौलाना मोहिबुल्लाह नदवी को मस्जिद की इमाम पद से हटाए जाने के लिए ओम विरला जी स्पीकर नई दिल्ली को लैटर लिखा है जिसमें उन्होंने लिखा है कि,

उम्मीद है कि आप खैरियत से होंगे, में इस पत्र के माध्यम से अवगत कराना चाहता हूं कि संसद मार्ग नई दिल्ली स्थित मस्जिद के इमाम मौलाना मोहिबुल्लाह नदवी सदस्य लोकसभा व नेता समाजवादी पार्टी ने गत दिनों इसी मस्जिद में समाजवादी पार्टी की एक मीटिंग आयोजित की, इस मीटिंग में समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव के साथ धर्मेंद्र यादव, डिंपल यादव, जियाउर्रहमान बर्क व अन्य सपा नेताओं ने भाग लिया। ये मीटिंग मस्जिद के अंदर हुई।
मस्जिद के अंदर समाजवादी पार्टी की मीटिंग करके मस्जिद की पवित्रता को भंग किया गया है, भारत के मुसलमानो की धार्मिक आस्था को ठेस पहुंची है। मस्जिद के अंदर सिर्फ खुदा की इबादत के अलावा कोई दूसरा कार्य नहीं किया जा सकता।

मस्जिद के अंदर नापाक और नजिश लोग नही आ सकते है। मस्जिद में सिर्फ वही लोग आ सकते है जो पाक हो, जबकि मस्जिद के अंदर वो लोग भी बैठे हुए है जो पेंट शर्ट पहनकर खड़े होकर पेशाब करते हैं, उस नापाक पेशाब की नजिश छींटे पेंट पर पड़ती है, फिर वही पेट पहनने वाले लोग मस्जिद के अंदर आकर बैठे। मस्जिद के अंदर महिलाओं का प्रवेश वर्जित है, मगर दो महिलाएं मस्जिद के अंदर आयीं, उन्होंने भी मीटिंग में भाग लिया। मस्जिद जैसी धार्मिक स्थल का सियासत के लिए इस्तेमाल किया गया, इस मीटिंग के माध्यम से एक सियासी पैगाम दिया गया कि समाजवादी पार्टी मुसलमानो की हमदर्द है।

आपसे अनुरोध है कि ये मस्जिद लोकसभा शासन के देखरेख में चलती है, आप उसके मुखिया हैं इसलिए आपसे मेरी मांग है कि मस्जिद के इमाम मौलाना मोहिबुल्लाह नदवी को इमामत से हटाया जाए, और किसी सूफी विचार धारा रखने वाले व्यक्ति को इमाम बनाया जाये जो राजनीतिक न हो।

हमें उम्मीद है कि इस पत्र पर विशेष तौर पर ध्यान देते हुए कार्यवाही करने का कष्ट करेंगे ताकि हमारी भावनाएं आहत करने वाले को सजा मिल सके।

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