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प्राइवेट हॉस्पिटलों की मनमानी के खिलाफ भारतीय किसान यूनियन (चढूनी) का अभियान
बरेली। भारतीय किसान यूनियन (चढूनी) ने प्राइवेट हॉस्पिटलों द्वारा मरीजों के शोषण के खिलाफ उत्तर प्रदेश में व्यापक अभियान शुरू किया है। इस क्रम में आज बरेली सहित प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों पर जिलाधिकारियों को ज्ञापन सौंपा गया। यूनियन ने प्रधानमंत्री और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री को संबोधित इस ज्ञापन में प्राइवेट हॉस्पिटलों की मनमानी पर अंकुश लगाने की मांग की।
ज्ञापन में कहा गया कि आयुष्मान कार्ड जैसी कल्याणकारी योजना के बावजूद निजी अस्पताल इसका लाभ मरीजों को नहीं दे रहे। यूनियन ने मांग की कि सभी प्राइवेट हॉस्पिटलों में आयुष्मान कार्ड अनिवार्य रूप से लागू हो और गैर-अनुपालन पर कठोर कार्रवाई हो। इसके अलावा, हेल्थ इंश्योरेंस के बावजूद अतिरिक्त शुल्क वसूलने, डॉक्टरों की फीस और अस्पताल सेवाओं के लिए सरकारी मानक तय करने, और आपात स्थिति में बिना अग्रिम भुगतान के इलाज सुनिश्चित करने की मांग उठाई गई। यूनियन ने निजी मेडिकल स्टोरों और जांच एजेंसियों की लूट पर रोक लगाने, साथ ही आईसीयू में सीसीटीवी कैमरे लगाने की मांग भी की ताकि मरीजों की स्थिति पर नजर रखी जा सके।
यूनियन का मानना है कि समान और निशुल्क चिकित्सा व शिक्षा से देश में 90% भ्रष्टाचार खत्म हो सकता है। उन्होंने सरकार से इस दिशा में सख्त कानून बनाने की अपील की, ताकि मरीजों का शोषण रुके। यूनियन ने विश्वास जताया कि प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री इस मुद्दे पर कार्रवाई करेंगे, जिससे आंदोलन की आवश्यकता नहीं पड़ेगी।
